दमन और दीव के माननीय सांसद श्री उमेशभाई बी. पटेल ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से मुलाकात की। इस बैठक में पाकिस्तानी जेल में बंद भारतीय मछुआरों के परिवारजनों को भी शामिल किया गया। सांसद उमेश पटेलजी ने विदेश मंत्री को एक आवेदन पत्र सौंपा, जिसमें पाकिस्तान द्वारा गिरफ्तार किए गए भारतीय मछुआरों की तत्काल रिहाई और प्रत्यर्पण की मांग की गई है।आवेदन पत्र में उल्लेख किया गया है कि वर्तमान में 209 भारतीय मछुआरे पाकिस्तानी जेल में बंद हैं, जिनमें से 134 गुजरात से और 24 दमन एवं दीव से संबंधित हैं। ये मछुआरे पाकिस्तान मैरीटाइम सिक्योरिटी एजेंसी (पीएमएसए) द्वारा गिरफ्तार किए गए हैं और वर्षों से जेल में पीड़ा सह रहे हैं। उनके परिवारजन लगातार शारीरिक और मानसिक पीड़ा की रिपोर्ट दे रहे हैं। कई मछुआरों की स्वास्थ्य स्थिति गंभीर है, और पिछले एक वर्ष में इस मुद्दे पर कार्यवाही की मांग की गई है, लेकिन अभी तक रिहाई नहीं हुई है।सांसद उमेश पटेल ने 2008 के भारत-पाकिस्तान कांसुलर एक्सेस समझौते का हवाला देते हुए कहा कि दोनों देशों को हर महीने कैदियों की रिहाई और प्रत्यर्पण सुनिश्चित करना चाहिए, भले ही उनका राष्ट्रीयता सत्यापन और सजा पूरी हो गई हो। उन्होंने भारत-पाकिस्तान न्यायिक समिति ऑन प्रिजनर्स को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जो 2008 में गठित की गई थी और कैदियों की सुरक्षित रिहाई के लिए प्रभावी तंत्र प्रदान करती है।इसके अलावा, सांसद उमेश पटेल ने भारतीय मछुआरों की 1,200 से अधिक नावों की जब्ती और क्षति का मुद्दा भी उठाया, जो पाकिस्तानी हिरासत में हैं। कई नावें अपूरणीय रूप से क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, और उन्हें जल्द से जल्द लौटाने की मांग की गई है।सांसद उमेश पटेल ने कहा, “यह मुद्दा मानवीय है और हमारे नागरिकों के अधिकारों से जुड़ा है। मैं विदेश मंत्री जी से अपील करता हूं कि तत्काल कार्यवाही करें और पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय तंत्र को सक्रिय करें ताकि ऐसे मामले भविष्य में न हों।”यह मुलाकात मछुआरों के परिवारजनों के लिए उम्मीद की किरण है, और सांसद उमेश पटेल ने केंद्र सरकार से इस दिशा में ठोस कदम उठाने का आग्रह किया है।

