भिलाड में शादी समारोह के दौरान सात साल का बच्चा अचानक गायब हो गया। परिवार ने पुलिस में अपहरण की शिकायत दर्ज कराई। 39 घंटे बाद बच्चा वापी के दमनगंगा नदी के पास CETP प्लांट के पास झाड़ियों में बेहोशी की हालत में मिला। मामले की जांच में पता चला कि बच्चे के पिता के रिश्तेदार और मुंबई निवासी मामा ने प्रेमिका को 30 लाख रुपये देने के लिए अपहरण की साजिश रची थी। पहले से बनाई गई थी साजिश… वलसाड जिले के वापी के एक व्यापारी, जो पिछले सात सालों से सऊदी अरब में रहते थे, हाल ही में अपने वतन लौटे। 23 दिसंबर को वह अपनी पत्नी और बेटे के साथ वापी से भिलाड में एक शादी समारोह में शामिल हुए। इसी दौरान उनके रिश्तेदार शाहबाज खान उर्फ सोनू फारुख खान को उनके कार्यक्रम की जानकारी मिली। शाहबाज ने अपने दोस्तों उमेर उर्फ मोनू जुबेर खान और महमद उमेर उर्फ सऊद फिरोज सलीम काज़ी के साथ मिलकर सात वर्षीय बच्चे के अपहरण की योजना बनाई और शादी समारोह में शामिल हो गए। बच्चे को मृत समझकर झाड़ियों में फेंक दिया… 23 दिसंबर की रात, शादी समारोह के आखिरी दिन, आरोपियों ने शादी मंडप में खेल रहे बच्चे का अपहरण कर लिया। वे उसे कार में लेकर वापी की ओर निकले। रास्ते में बच्चे को बेहोश करने के इरादे से उसका गला दबाया, जिससे बच्चा बेहोश हो गया। आरोपियों को लगा कि बच्चा मर चुका है, इसलिए उन्होंने बच्चे को NH-48 के पास CETP प्लांट की झाड़ियों में फेंक दिया और उसके पास मौजूद मोबाइल फोन भी पास में ही फेंक दिया। कबाड़ चुनने वाले युवक को मोबाइल मिला, पुलिस बच्चे तक पहुंची… परिवार ने अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी और पुलिस लगातार बच्चे की तलाश में जुटी थी। 25 दिसंबर को कबाड़ चुनने वाले एक युवक को CETP प्लांट के पास मोबाइल फोन मिला। युवक ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर क्षेत्र की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया। 39 घंटे के बाद पुलिस ने बच्चे को बेहोशी की हालत में बरामद कर लिया। प्रेमिका को 30 लाख देने के लिए मामा ने कराई किडनैपिंग… पुलिस ने बच्चे को अस्पताल में भर्ती करवाकर आरोपियों को पकड़ने के लिए जांच तेज कर दी। शादी समारोह में शामिल लोगों और घटनास्थल के साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने दो आरोपियों को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया। मुख्य आरोपी शाहबाज, जो बच्चे का पितराई मामा था, आगरा में छिपा हुआ मिला। आगरा पुलिस की मदद से उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया।पुलिस जांच में पता चला कि शाहबाज ने अपनी प्रेमिका को 30 लाख रुपये देने के लिए भांजे के अपहरण की योजना बनाई थी। इस काम के लिए उसने अपने साथियों को 10 लाख रुपये देने का वादा किया था।इस मामले ने रिश्तों की मर्यादा को झकझोर कर रख दिया। पुलिस की तत्परता और सूझबूझ से न केवल मासूम को बचा लिया गया, बल्कि आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

