♦️ *पाकिस्तान की गुस्ताखियों पर आँखें बंद रखना संयुक्त राष्ट्र संघ की नाकामी और डबल स्टैण्डर्ड*
सैल्यूट तिरंगा के यूके प्रेसिडेंट NRI केशव बटाक ने पहलगाम टेरर अटैक पर संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) के जनरल सेक्रेटरी Antonio Guterres को कड़ा पत्र लिख कर कम्पलेन करते हुए पाकिस्तान पर सख्त कार्रवाई करने की माँग की है। केशव बटाक ने यूएनओ सेक्रेटरी जनरल को भेजे पत्र में लिखा कि भारत के जम्मू-कश्मीर यूनियन टेरिटरी के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान की भूमिका उजागर होने पर भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ़ कई कड़े कदम उठाये हैं। पाकिस्तान भारत में आतंक को बढ़ावा देना बंद करने की बजाय एलओसी पर सीज फायर का उल्लंघन कर भारत को उकसा रहा है। भारत 1948 से ही पाकिस्तान प्रेरित छदम युद्ध एवं आतंकवाद का सामना कर रहा है। मगर बीते 77 वर्षों में संयुक्त राष्ट्र संघ ने छदम युद्ध एवं आतंकवाद को बढ़ावा देने पर पाकिस्तान पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की है। जबकि पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने स्वीकारा है कि पाकिस्तान 3 दशकों से भारत और दुनिया में आतंकवाद को बढ़ावा देता आ रहा है। यदि संयुक्त राष्ट्र संघ भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने पर पाकिस्तान पर कोई कार्रवाई नहीं करता है तो उसे संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत से जुड़े किसी भी मुद्दे को पाकिस्तान को उठाने नहीं देना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र संघ दुनिया के कुछ देशों के हाथों की कठपुतली बन कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ को दिखता सब कुछ है मगर वो कार्रवाई सिर्फ भारत जैसे तेजी से आत्मनिर्भर और विकसित होते राष्ट्रों को दबाने के लिए ही करता है। तालिबान और पाकिस्तान की कारगुजारियों पर संयुक्त राष्ट्र की चुप्पी अमेरिका के प्रभाव के कारण है क्योंकि अमेरिका दोनों को अपनी स्वार्थपूर्ति के लिए इस्तेमाल करता है। इसी लिए भारत अपने द्विपक्षीय मसलों से संयुक्त राष्ट्र संघ जैसी महत्वहीन हो चुकी वैश्विक संस्था को दूर ही रखता है। मेरे यह पत्र लिखने का आशय मृतप्राय हो चुके संयुक्त राष्ट्र संघ को दुनिया में आतंकवाद की फैक्ट्री बन चुके पाकिस्तान की नकेल कस कर पुनर्जीवित होने का अवसर देना है। यह ध्यान रहे कि भारत को पाकिस्तान जैसे अपने उज्जड़ पड़ोसियों के दिमाग को ठिकाने लगाना बखूबी आता है, संयुक्त राष्ट्र इससे भली भांति परिचित है।

